HameShaa.. Muskurate Rahe Khush Rahe Or Apna Khayal Rakhna.. 🙂
Smile Love Shayari, Muskurahat Hindi Shayari
HameShaa.. Muskurate Rahe Khush Rahe Or Apna Khayal Rakhna...
दिल की हसरत जुबा पर आने लगीआपको देखा तो जिंदगी मुस्कुराने लगी
हम इस निगाह-ए-नाज़ को समझे थे नेश्तरतुमने तो मुस्कुरा के रग-ए-जाँ बना दिया!
कभी कभी तेरा बेवज़ह मुस्कुराना अच्छा लगता है ….मुझ पर आँखों ही आँखों से तेरा हक़ जताना अच्छा लगता है !!
धड़कने लगे दिल के तारों की दुनियाँ जो तुम मुस्कुरा दोसंवर जाये हम बेकरारों की दुनियाँ जो तुम मुस्कुरा दो
हौसलों का सबूत देना थाठोकरें खा के मुस्कुराना पड़ा.!!
ज़र्फ हो तोह गम भी नियामत हैं खुदा की।जो सुकूं रोने में हैं,वो मुस्कुराने में कहां।
वही तो सब से ज़ियादा है नुक्ता-चीं मेरा,जो मुस्कुरा के हमेशा गले लगाए मुझे !!
तुम भले हि मुस्कुराओ सांथ बच्चों के मगरबच्चों जैसा मुस्कुराना दोस्तों, आंसा नही..!!
हौसले फिर बढ़ गये, टूटा हुआ दिल जुड़ गया,उफ! ये जालिम मुस्कुरा देना, ख़फा होने के बाद !!
गुमाँ न क्यूँकि करूँ तुझ पे दिल चुराने का,झुका के आँख सबब क्या है मुस्कुराने का !!
जो तुम मुस्कुरा दो बहारें हँसे, सितारों की उजली कतारें हँसेजो तुम मुस्कुरा दो नज़ारें हँसे, जवां धड़कनों के इशारे हँसे
खामोश बैठे हैं तो लोग कहते हैं उदासी अच्छी नहीं,और ज़रा सा हंस लें तो लोग मुस्कुराने की वजह पूछ लेते है।
जब दिल पे छा रही हों घटाएँ मलाल की,उस वक़्त अपने दिल की तरफ़ मुस्कुरा के देख !!
शायद तिरे लबों की चटक से हो जी बहाल,ऐ दोस्त मुस्कुरा कि तबीअत उदास है !!
क्या मुस्तक़िल इलाज किया दिल के दर्द कावो मुस्कुरा दिए मुझे बीमार देख कर !!
दिल की तरफ़ हिजाब-ए-तकल्लुफ़ उठा के देख,आईना देख और ज़रा मुस्कुरा के देख !!
“चलो मुस्कुराने की वजह ढूंढते हैं… ऐ जिन्दगी,,,,तुम हमें ढूंढो… हम तुम्हे ढूंढते हैं …!!!फ़स्ले-गुल के आने से,या खिज़ां के जाने सेकाश मुस्कुरा सकते हम किसी बहाने से.!!
हमारी बिगड़ी ये शायद यू ही संवर जाए,तुम्हारा कुछ नहीं बिगड़ेगा मुस्कुराने में !!
मुझे दर्द-ए-इश्क़ का मज़ा मालूम है, दर्द-ए-इंतेहा भी मालूम है।ज़िन्दगी भर मुस्कुराने की दुआ न देना, मुझे पल भर मुस्कुराने की सजा मालूम है।
उदास छोड़ गया वो हर एक मौसम कोगुलाब खिलते थे कल जिसके मुस्कुराने से..!!
न जाने कैसी “नज़र” लगी है “ज़माने” की… . .कमब्खत “वजह” ही नही मिलती “मुस्कुराने” की…..!!!
लो, तबस्सुम भी शरीक-ए-निगह-ए-नाज़ हुआ..आज कुछ और बढ़ा दी गई क़ीमत मेरी..
मुस्कुराने के अब बहाने नहीं ढूँढने पड़ते,तुझे याद करते हैं तमन्ना पूरी हो जाती हैं..
ग़मो की धूप में भी मुस्कुरा कर चलना पड़ता है।।ये दुनिया है यहाँ चेहरा सजा कर चलना पड़ता है
सुनाई दे तेरे क़दमों की आहट,ये रस्ता मुस्कुराना चाहता है !!
तेरे ना होने से जिन्दगी मे बस इतनी सी कमी हैमै चाहे लाख मुस्कुरा लू पर आंखो में नमी है
वो सुब्ह-ए-ईद का मंज़र तिरे तसव्वुर में,वो दिल में आ के अदा तेरे मुस्कुराने की !!
मेरे दिल की राख़ क़ुरेद मत,इसे मुस्कुरा के हवा न देये चराग़ फिर भी चराग़ है,कहीं तेरा हाँथ जला न दे
जिसकी किस्मत मे लिखा हो रोना..!!वो मुस्कुरा भी दे तो आँसू निकल आते है..!!
राहत भी अपनों से मिलती हे,चाहत भी अपनों से मिलती हे,अपनों से कभी रूठना नही.क्यूकी,मुस्कुराहट”भी अपनों से मिलती हे
फ़ज़ा-ए-नम में सदाओं का शोर हो जाए,वो मुस्कुरा दे ज़रा सा तो भोर हो जाए !!
अपने दुःख में रोने वाले,मुस्कुराना सीख ले |ओरों के दुःख में आँसू बहाना सीख ले
मैं इक फकीर के होंठों की मुस्कुराहट हूँकिसी से भी मेरी कीमत अदा नहीं होती
वो तो अपने दर्द रो-रो के सुनते रहे;हमारी तन्हाइयों से आँख चुराते रहे;और हमें बेवफा का नाम मिला क्योंकिहम हर दर्द मुस्कुरा कर छुपाते रहे
फिर उसने मुस्कुरा के देखा मेरी तरफ़,फिर एक ज़रा सी बात पर जीना पड़ा मुझे।खुद ही मुस्कुरा रहे हो साहिबपागल हो या मोहब्बत की शुरूआत हुई है!!!!
न जाने कह गए क्या आप मुस्कुराने में,है दिल को नाज़ कि जान आ गई फ़साने में !!
मस्त नज़रों से देख लेना था,गर तमन्ना थी आज़माने कीहम तो बेहोश यूँ भी हो जाते,क्या ज़रूरत थी मुस्कुराने की!!
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे होक्या गम है जिसको छुपा रहे हो
यूँ तेरा मुस्कुरा कर मुझे देखनामानो जैसे सब कुछ कुबूल है तुझे
फूल बनकर मुस्कुराना जिन्दगी है,मुस्कुरा के गम भूलाना जिन्दगी है,
बड़ी मुश्किल से बना हूँ टूट जाने के बादमैं आज भी रो देता हूँ मुस्कुराने के बाद.!!
लाख समझाया उसको की दुनिया शक करती है..मगर उसकी आदत नहीं गयी मुस्कुरा कर गुजरने की !!
दिल्लगी कर जिंदगी से, दिल लगा के चल..जिंदगी है थोड़ी सी, थोडा मुस्कुरा के चल .
सीख ली जिसने अदा गम में मुस्कुराने की,उसे क्या मिटायेंगी गर्दिशे जमाने की !!
अपनी मुस्कुराहट को ज़रा काबू में रखिए,दिल ए नादान इस पर कहीं शहीद ना हो जाए
मेरी यही आदत तुम सब को सदा याद रहेगी,न शिकवा, न कोई गिला, जब भी मिला, मुस्कुरा के मिला.